नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के तहत लगभग 22 कंपनियों ने आवेदन किया है। ये कंपनियां आने वाले 5 साल में भारत में 11.5 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन और कलपुर्जों का उत्पादन करेंगी, जिनमें से 7 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात किया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह योजना किसी भी देश के खिलाफ नहीं है, यह केवल भारत सकारात्मक है। मैं किसी देश का नाम नहीं लेना चाहता। हमें अपनी सुरक्षा, सीमावर्ती देशों के संबंध में उचित नियम और विनियम मिले हैं, वे सभी अनुपालन महत्वपूर्ण हैं।'
बीते दिनों लद्दाख से लगी सीमा पर चीन के आक्रामक रुख के बीच उन्होंने स्पष्ट किया था कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले भारत को कोई भी आंख नहीं दिखा सकता है । विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की । उनसे राहुल गांधी के उस बयान को लेकर सवाल पूछा गया था जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि चीन के साथ सीमा पर कथित तनातनी और भारत-नेपाल रिश्तों में आई हालिया तल्खी से जुड़े मुद्दों को लेकर पारदर्शिता की जरूरत है और सरकार को देश को इस बारे में स्पष्ट रूप से बताना चाहिए।
प्रसाद ने कहा, ''नरेंद्र मोदी के भारत को कोई भी आंख नहीं दिखा सकता है ।'' प्रसाद ने कहा कि उन्होंने एक लाइन में इस प्रश्न का जवाब दे दिया है । उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच तनाव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की थी ।
समझा जाता है कि इस बैठक में में बाह्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये भारत की सैन्य तैयारियों को मजबूत बनाने पर चर्चा की गई । यह बैठक ऐसे समय में हुई जब मंगलवार को ही चारों जनरलों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी, जहां पिछले करीब 20 दिनों से भारत और चीन के सैनिक आक्रामक रुख अपनाये हुए हैं ।
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