127. SHAYRI POSTED BY PRINCE KUMAR
127. SHAYRI POSTED BY PRINCE KUMAR

( 1.निकलते है तेरे आशिया के आगे से,सोचते है की तेरा दीदार हो जायेगा,

खिड़की से तेरी सूरत न सही तेरा साया तो नजर आएगा

 

 

 

2.अपनो को दूर होते देखा ,

सपनो को चूर होते देखा !

अरे लोग कहते हे फ़िज़ूल कभी रोते नही ,

हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा!

 

 

 

3.पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,

दिल में क्या है वो बात नही समझती,

तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,

पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…

 

 

 

4.प्यार करने वाले मरते नही मार दिए जाते हैं,

हिंदू कहते हैं मारदो इन्हे,

मुस्लिम कहते हैं दफ़ना दो इन्हे,

पर कोई ये क्यूँ नही कहता की मिला दो इन्हे.. ; )

0+ Comments